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स्त्री पर कविता

स्त्री पर कविता साँसें हैं पर जिंदगी नहीं जैसे ख़ुदा तो है पर बंदगी नहीं,  बेड़ियाँ नहीं है फ़िर भी आजाद नहीं अपने मुताबिक जी पा…

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