यदि जानना चाहते है अपने देश की धरोहर के बारे में - जानिये हम्पी को , hampi- hmari dharohar


हम्पी -हमारी धरोहर




यदि आप देखना चाहते है अपनी धरोहर को, यदि इतिहास में थोड़ी सी भी रूचि रखते है, तो हम्पी से बेहतर शायद ही कोई जगह हो सकती है, यह जानकर आपको ख़ुशी होगी की यह नगर यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों की सूची  में शामिल है |


हम्पी, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जो कर्नाटक के विजयनगर जिले में स्थित , तुंगभद्रा नहीं के किनारे स्थित है| हम्पी बैंगलोर से करीब ३५० किलोमीटर दूर है,यह भारत के प्रमुख पुरातात्विक स्थलों में से एक होने की वजह से पर्यटकों से भरा हुआ रहता है|

हम्पी कैसे जाए -


हम्पी के लिए निकटतम हवाई अड्डे , हुबली हवाई अड्डा जो हम्पी से १४३ किमी दूर है , तोरणगल्लू में जेसडब्लू विद्यानगर हवाई अड्डा जो हम्पी से ४० किमी दूर है, इन हवाई अड्डो से तथा उसके बाद स्थानीय परिवहन के द्वारा  हम्पी तक आराम से पहुच सकते है, ,

यदि सड़क मार्गो से जा रहे है तो , बंगलौर, पुणे ,मुम्बई इसके आस पास के शहर है जिनसे आप यहाँ तक पहुच सकते है|बंगलौर से हम्पी पहुचने में ६-७ घंटे लगते है, रास्तो में जाते समय आपको कही भी हम्पी का बोर्ड नहीं दिखेगा , पर गूगल मैप के जरिये आराम से विजयनगर जिले तक पहुच सकते है,जहाँ होसपेट नाम के छोटे से शहर से हम्पी पहुचने में १५ से २० मिनट में आप आराम से पहुच सकते है| होसपेट में आपको होटल और होम स्टे भी सही दाम में आराम से मिल जाते है|


यदि रेल मार्ग से जा रहे है तो हम्पी का निकटतम रेलवे स्टेशन होसपेट में है, वहां से स्थानीय वाहनों से आप जा सकते है|


आईये जानते है हम्पी के इतिहास के बारे में 


हम्पी मध्यकालीन हिन्दू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था,फिलहाल यह शहर मात्र खंडरो के रूप में अवशेष बचा है, लेकिन खंडरो को देखने से पता चलता है की किसी समय में यह एक स्म्र्धशाली सभ्यता निवास करती थी|


यहाँ आपको गोल चट्टाने टीलो के रूप में फैली हुई दिखाई देंगी, घटियो और टीलों के बीच करीब पांच सौ से अधिक स्मारक चिन्ह है , लेकिन लोकल गाइड की माने तो यहाँ करीब ३००० से अधिक स्मारक रह चुके थे| इन स्मारक चिन्हों में मंदिर , महल, तहखाने, पुराने बाजार, शाही मंडप, चबूतरे, राजकोष, ख़ुफ़िया गुफा , न्र्त्यशाला आदि बहुत सारी इमारते मिल जायेंगी और आप अंदाजा लगा पाएंगे की विजयनगर साम्राज्य कितना शक्तिशाली था|


हम्पी से आपको किष्किन्धा पर्वत साफ़ देखने को मिल जाएगा ,चाहे तो आप वहां जा भी सकते है, वैसे हम्पी का हर मोड़ बहुत सुंदर और अस्चर्य्जंनक  और आकर्षक है |


विजयनगर हिन्दुओ के सबसे विशाल सम्राज्य में से एक था, हरिहर और बुक्का दो भईयो ने इसकी स्थापना की थी, राजा कृष्ण देव  राय ने यहाँ  १५०९ से १५२९ तक शासन किया, विजयनगर सम्राज्य के अंतर्गत कर्नाटक , महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश राज्य आते है| राजा कृष्ण देव  राय  की मृत्यु के बाद बीजापुर, गोलकुंडा अहमदनगर की मुस्लिम सेनाओं ने यहाँ की बहुत सारी  ईमारते  नष्ट कर  दी है , हम्पी को रामायणकाल में पम्पा और किषकिन्धा नाम से जाना जाता था|

किषकिन्धा को वानर राज्य कहाँ जाता है, शायद इसी लिए यहाँ आज भी बहुत सारे बन्दर मजूद है , यही वह जगह है जहाँ पर राम और लक्ष्मण ने सीता की खोज करने के लिए लंका जाने से पहले पनाह ली थी |

यहाँ की तुंगभद्रा नदी , केले के बाग़ और नारियल के पेड़ यहाँ का नजारा बेहद खुबसूरत कर देते  है|



यहाँ के प्रमुख मन्दिर -   

* विट्ठल स्वामी मन्दिर 
* विरुपाक्ष मन्दिर 
* हम्पी रथ 
* गुप्त शिवलिंग 
* लक्ष्मी नरसिम्हा मन्दिर 
* हजार राम मन्दिर 
* रानी स्नानगार 
* कमल महल 
* रघुस्वामी मन्दिर 
 * हाथीघर 

 हम्पी के लोकल गाइड से आपको अनेक रुचिपूर्ण कहानियाँ सुनने को मिल जाएँगी, यहाँ दो पत्थर त्रिकोण आकर में जुड़े है जिन्हें सिस्टर स्टोन कहाँ जाता है|

हम्पी एक छोटा सा गाँव है जो शायद अब भी पिछड़ा हुआ है पर पर्यटक दृष्टी से काफी आगे है पर यहाँ के खंडहर आज भी इसके  समर्द्ध होने को दर्शाते है | 
हम्पी के बारे में जितना कहाँ जाए उतना कम है, बाकी आपको वहां जाने पर खुद ही पता चल जाएगा |
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